मईया सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके तहत राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत हर महीने महिलाओं को ₹1000 दिए जाते हैं। इस साल, योजना की तीसरी किस्त में महिलाओं को दोहरे लाभ के रूप में ₹2000 दिए जाएंगे, जो नवरात्रि के पहले जारी होगी। योजना से 48 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी, और राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे खातों में जमा की जाएगी।
मईया सम्मान योजना का उद्देश्य
झारखंड की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। कई महिलाएं सीमित संसाधनों और आय के चलते अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी करने में सक्षम नहीं होतीं। इस स्थिति को सुधारने के लिए, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मईया सम्मान योजना की शुरुआत की। योजना का लाभ मुख्य रूप से उन महिलाओं को दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास आय के अन्य स्रोत नहीं हैं। योजना के तहत दी जाने वाली राशि से उन्हें अपने दैनिक खर्चों में मदद मिलती है।
तीसरी किस्त से जुड़ी जानकारी
अब तक इस योजना के तहत दो किस्तें वितरित की जा चुकी हैं, और तीसरी किस्त अक्टूबर 2024 में दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने नवरात्रि के अवसर पर इस राशि को जारी करने की योजना बनाई है, जिससे महिलाएं त्योहार के समय वित्तीय राहत प्राप्त कर सकें। हालांकि, तीसरी किस्त की राशि को लेकर कुछ सवाल हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर महिलाओं को ₹2000 की राशि मिल सकती है। यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा राज्य की बकाया राशि के भुगतान पर निर्भर करता है।
आवेदन और पात्रता प्रक्रिया
मईया सम्मान योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है। इच्छुक महिलाओं को अपने ग्राम पंचायत में जाकर आवेदन जमा करना होता है। आवेदन करते समय उन्हें अपने आधार कार्ड और बैंक खाते की जानकारी जमा करनी होगी। इसके बाद, सरकार द्वारा पात्र महिलाओं के खातों में सीधे राशि भेजी जाती है। आधार और बैंक खाते का सही मिलान सुनिश्चित करने के लिए आधार सीडिंग अनिवार्य है। यदि किसी महिला का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, तो उन्हें आधार सीडिंग करानी होगी, जिससे वे योजना का लाभ उठा सकें।
भुगतान न मिलने की स्थिति में क्या करें?
कई महिलाएं इस योजना के तहत भुगतान प्राप्त नहीं कर पातीं, इसका मुख्य कारण उनके बैंक खाते का आधार से लिंक न होना होता है। ऐसे मामलों में, महिलाओं को अपने बैंक जाकर आधार लिंक कराना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका खाता डीबीटी के लिए सक्षम है। महिलाएं npci.org.in पर जाकर अपने आधार सीडिंग और डीबीटी स्टेटस को ऑनलाइन भी चेक कर सकती हैं।